Posts

Showing posts from February, 2018

Best 5 Programming Languages to learn in 2018

Image
                                  Best 5 Programming Languages to learn in 2018 Staying on top is one of the key factors for business and technological innovation. And with over 600 unique programming languages, deciding on the best programming language for your career may be difficult, and it can be the hardest part in the initial development phase of any IT Professionals. And to help, here’s our list of the top 5 potential programming languages to learn in 2018, to help decide the best programming language to use for boost your career to evaluate your IT Skills needs. I am suggesting some popular programming languages for you .you can opt as your choice, demand of market. Let’s check the list. 1.       Swift : if you want to work with Apple, or your interest in developing native iOS or Mac OS apps, and you want your career reshaping for future then you can chose Swift. Because swift is the programming language with the most potential for reshaping the future. Swift is a

Why Google and Apple have chosen their own Programming languages?

Image
Why Google and Apple have chosen their own Programming languages? Apple released Swift, a new programming language promised to make it easier to build iPhone and Mac apps than ever before. The vision behind Swift programming language is faster to write code & results in faster applications like phone. In my knowledge, Apple isn’t the first company those chosen their own programming language. I have visited in my IT Flashback memory & find in Back 1991  Microsoft released Visual Basic as a way to streamline the development of Basic, one of the earliest popular programming languages with a graphical user interface (GUI).  And Sun Microsystems also released Java as like Visual Basic to Microsoft.  More recently, circa 2009, Google released  Go  , its own programming language. So Programming languages behave like religion for so many developers. And Apple, Google, Microsoft, SunMicrosystem, Oracle, SAP, they like god for IT Professionals & developers. Programming

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स : आपने टर्मिनेटर-3 में देखा होगा............????

Image
                                  सुविधाएँ बढ़ने के साथ ही ये उपकरण हमारी दुनिया के लिए चुनौतियाँ भी लाएँगे, जैसा कि आपने टर्मिनेटर-3 में देखा होगा। एक कम्प्यूटर नेटवर्क स्वयंभू बनकर अपने आका -इंसान- की पूरी दुनिया के लिए खतरा बन जाता है। यदि स्मार्ट डिवाइसेज़ की बढ़ती स्मार्टनेस पर मानव जाति का प्रभावी नियंत्रण न रहा, तो अरबों की संख्या में मौजूद, एक-दूसरे से जुड़कर काम करने में सक्षम ये उपकरण वास्तव में हमें धरती पर ही नर्क का नज़ारा दिखा सकेंगे। लेकिन इस स्थिति तक पहुँचने से पूर्व अभी कई और चुनौतियाँ भी हैं जिनका समाधान खोजा जाना बाकी है। उदाहरण के लिए यदि आपका सिक्योरिटी सिस्टम आपके मोबाइल के साथ काम करने के लिए बना है, लेकिन आप उसे कम्प्यूटर के ज़रिए भी नियंत्रित करना चाहें, तो हो सकता है निर्माता कंपनी का कस्टमर केयर आपको पूरा समाधान उपलब्ध न करा सके। स्मार्ट डिवाइस कई प्रकार की कोडिंग तकनीकों, कोडिंग के हार्डवेयर के साथ तालमेल या इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ कोड के काम करने से चलते हैं और अभी उनके निर्माण या विकास के लिए कोई मानक तय नहीं किए गए हैं। दुनिया के कई हि

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स:आपकी हर ज़रूरत को समय से पहले पूरा करेंगे.....

Image
जैसा कि आप समझ ही गए होंगे,  इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स  एक ऐसे युग का आगाज़ है जिसमें समझदार उपकरण आपकी हर ज़रूरत को समय से पहले पूरा करेंगे। खुद पार्क हो जाने वाली कार के उपरोक्त उदाहरण में, कार का सिस्टम पार्किंग के उपकरणों से जुड़कर वहाँ के खाली स्थान का पता लगा लेता है और इमारत के नक्शे को देखकर कार को वहाँ तक ले जाता है। वहाँ जाकर अपने आस-पास देखने की क्षमता का उपयोग करके कार उस खाली स्थान पर खड़ी हो जाती है। इस उदाहरण में उपकरणों ने इंटरनेट, अपने दिशा-ज्ञान और दूसरे उपकरणों से काम की जानकारी पाने की क्षमता का प्रदर्शन किया।   इसी प्रकार कई स्मार्ट उपकरण एक-दूसरे से जुड़कर शॉपिंग मॉल्स में आपकी खरीदारी के तरीके और पसंद (आप अकेले थे तब किस प्रकार के उत्पादों के पास बार-बार गए, परिवार के साथ होने पर आपने किन उत्पादों पर अधिक ध्यान दिया, किन कपड़ों को आपने उठाकर देखा और किस रंग पर आपकी नज़र अधिक रही आदि) के आधार पर आपके लिए सटीक विज्ञापन कर सकेंगे। वे अधोसंरचना, जैसे सड़कों, पुलों, पानी और बिजली के वितरण की प्रणाली पर नज़र रख सकेंगे और यहाँ तक कि उनके रखरखाव का समय भी

क्या है इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स? ???????

Image
                           इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स  एक ऐसी कॉन्सेप्ट है जिसके तहत इंटरनेट से जुड़े खुद की सोच-समझ रखने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण इंटरनेट के माध्यम से समय से पहले कुछ काम कर सकते हैं। इसे  तकनीक  की दुनिया में नॉन-स्क्रीन कम्प्यूटिंग भी कहा जा रहा है, क्योंकि ये उपकरण एक कम्प्यूटर की तरह सोच तो सकते हैं, लेकिन इनमें कम्प्यूटर की तरह कोई स्क्रीन नहीं है।   इस विचार का उदय 1982 में कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी के एक लैब में हुआ था, जब वहाँ के शोधार्थियों ने एक कोक मशीन को इंटरनेट से जोड़ा था। यह मशीन अपने भीतर रखे गए पेय पदार्थ की बोतलों की संख्या का हिसाब रख सकती थी व उनके तापमान को माप लेती थी। वहाँ से चलकर अब हम एक ऐसे मुकाम पर खड़े हैं, जहाँ 2020 तक ऐसे समझदार उपकरणों की संख्या 26 अरब हो जाने का अनुमान है, जो स्वयं अपना संचालन करेंगे।   तो इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स हमारे जीवन में क्या नवीनता ला रहा है? उदाहरण के लिए कितना अच्छा होगा यदि कोई फ़्रिज अपने भीतर झाँककर स्वयं ही समाप्त हो चुके सामान का ऑर्डर किसी स्टोर को दे दे या फिर आपकी गाड़ी को देखकर सिक्योरिटी कैमरा आपके

सुविधाओं के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स

Image
सुविधाओं के लिए  इंटरनेट  ऑफ थिंग्स :   यह तकनीक इस समय सबसे ज्यादा चर्चित है। इसके जरिए आपके पास उपलब्ध टीवी, फ्रिज, कार, ओवन जैसा हर उपकरण और यहां तक कि आप भी इंटरनेट का हिस्सा बन जाएंगे। हर चीज आपस में जुड़ी होगी। उदाहरण के लिए फ्रिज में अगर सब्जी खत्म होती है तो इसकी जानकारी  आपके ग्रॉसरी स्टोर तक पहुंच जाएगी या आपके मोबाइल पर सब्जी खरीदने के लिए रिमाइंडर आ जाएगा। मोबाइल ऐप्स घर के उपकरणों को चलाएंगे। बैठने से पहले ही कार ट्रैफिक की सारी जानकारी इकट्ठी कर लेगी। फिटनेस ट्रैकर जैसे गैजेट्स इसकी महज शुरुआत हैं और माना जा रहा है कि 2020 तक दुनिया में 46 अरब डिवाइस होंगे, सारे इंटेलीजेंट और एक-दूसरे के सम्पर्क में रहने वाले होंगे।  >   आसानी के लिए सीमैंटिक वेब :  गूगल या याहू जैसे सर्च इंजन पर कोई विषय सर्च करते हैं तो एक साथ दुनियाभर के नतीजे सामने आ जाते हैं जिनमें से कई काम के नहीं होते। सीमैंटिक वेब तकनीक आपकी सर्च के नतीजे (जैसे लेख, वीडियो, वेबसाइट) आपकी लोकेशन, पसंद और जरूरत के मुताबिक देगी, जिससे नतीजे छांटना आसान हो जाएगा।    पहुंच के लिए प्रोजेक्ट लून : 

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स:-आज का IoT ही है, कल का भविष्य..................

Image
कंसल्‍टिंग फर्म जिनोव के मुताबिक भारत में 2021 तक करीब 94000 लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है. ऐसा इंटरनेट ऑफ़ थिंग (IoT) तकनीकी का उपयोग किए जाने के कारण होगा...... एक ऐसी एम्बुलेंस, जो किसी सड़क दुर्घटना का शिकार हुए व्यक्ति को लेने जाते समय पहले तो सबसे कम समय लेने वाले रास्ते का चुनाव कर सके, और फिर घायल का पूरा चिकित्सकीय इतिहास ऑनलाइन खंगालकर उसकी प्राथमिक चिकित्सा में जो उपकरण व दवाएँ लग सकती हैं, उन्हें तैयार कर ले? चौंकिए मत! सूचना प्रौद्योगिकी हमारी दुनिया को कहाँ ले जाएगी, कोई नहीं जानता।   तीन-चार दशक पहले आधुनिक कम्प्यूटर के पहले पदार्पण तक हमारी दुनिया में हर प्रकार की  तकनीक  ने मंथर गति से पदार्पण किया। उदाहरण के लिए पत्थरों से शिकार करने से लेकर आग जलाकर उसे पकाने और आग के माध्यम से जानवरों को डराकर उनका शिकार करना सीखने में इंसान को लगभग 12 लाख वर्ष लग गए। लेकिन अब आलम यह है कि लगभग हर वर्ष तकनीक हमारे जीवन को पूरी तरह बदल डालती है। जैसे 1996 के लगभग भारत में पेजर का पदार्पण हुआ किंतु 1 ही साल के भीतर मोबाइल फ़ोन आए और पेजर का वजूद ख़त्म-सा हो गया।