इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स:-आज का IoT ही है, कल का भविष्य..................






कंसल्‍टिंग फर्म जिनोव के मुताबिक भारत में 2021 तक करीब 94000 लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है. ऐसा इंटरनेट ऑफ़ थिंग (IoT) तकनीकी का उपयोग किए जाने के कारण होगा......
एक ऐसी एम्बुलेंस, जो किसी सड़क दुर्घटना का शिकार हुए व्यक्ति को लेने जाते समय पहले तो सबसे कम समय लेने वाले रास्ते का चुनाव कर सके, और फिर घायल का पूरा चिकित्सकीय इतिहास ऑनलाइन खंगालकर उसकी प्राथमिक चिकित्सा में जो उपकरण व दवाएँ लग सकती हैं, उन्हें तैयार कर ले? चौंकिए मत! सूचना प्रौद्योगिकी हमारी दुनिया को कहाँ ले जाएगी, कोई नहीं जानता।
 
तीन-चार दशक पहले आधुनिक कम्प्यूटर के पहले पदार्पण तक हमारी दुनिया में हर प्रकार की ने मंथर गति से पदार्पण किया। उदाहरण के लिए पत्थरों से शिकार करने से लेकर आग जलाकर उसे पकाने और आग के माध्यम से जानवरों को डराकर उनका शिकार करना सीखने में इंसान को लगभग 12 लाख वर्ष लग गए। लेकिन अब आलम यह है कि लगभग हर वर्ष तकनीक हमारे जीवन को पूरी तरह बदल डालती है। जैसे 1996 के लगभग भारत में पेजर का पदार्पण हुआ किंतु 1 ही साल के भीतर मोबाइल फ़ोन आए और पेजर का वजूद ख़त्म-सा हो गया।
 
इसी प्रकार पिछले कुछ समय में मोबाइल ऐप्स ने अपना डंका बजा दिया और दुनिया ने समझा कि अब सबकुछ ये ऐप्स ही करेंगे, परंतु सूचना-प्रौद्योगिकी की तेज़ चाल फिर सबकुछ बदलने लगी है। इस बार सामने आए हैं इंटरनेट इनेबल्ड डिवाइस, न-न, स्मार्ट वॉच, टीवी या स्मार्ट फ़ोन नहीं, हम बात कर रहे हैं उन उपकरणों की, जो खुद सोच सकते हैं और अपने मन से कोई काम कर सकते हैं। और इनके साथ उदय हुआ है का!

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