इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स : आपने टर्मिनेटर-3 में देखा होगा............????
सुविधाएँ बढ़ने के साथ ही ये उपकरण हमारी दुनिया के लिए चुनौतियाँ भी लाएँगे, जैसा कि आपने टर्मिनेटर-3 में देखा होगा। एक कम्प्यूटर नेटवर्क स्वयंभू बनकर अपने आका -इंसान- की पूरी दुनिया के लिए खतरा बन जाता है। यदि स्मार्ट डिवाइसेज़ की बढ़ती स्मार्टनेस पर मानव जाति का प्रभावी नियंत्रण न रहा, तो अरबों की संख्या में मौजूद, एक-दूसरे से जुड़कर काम करने में सक्षम ये उपकरण वास्तव में हमें धरती पर ही नर्क का नज़ारा दिखा सकेंगे।
लेकिन इस स्थिति तक पहुँचने से पूर्व अभी कई और चुनौतियाँ भी हैं जिनका समाधान खोजा जाना बाकी है। उदाहरण के लिए यदि आपका सिक्योरिटी सिस्टम आपके मोबाइल के साथ काम करने के लिए बना है, लेकिन आप उसे कम्प्यूटर के ज़रिए भी नियंत्रित करना चाहें, तो हो सकता है निर्माता कंपनी का कस्टमर केयर आपको पूरा समाधान उपलब्ध न करा सके। स्मार्ट डिवाइस कई प्रकार की कोडिंग तकनीकों, कोडिंग के हार्डवेयर के साथ तालमेल या इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ कोड के काम करने से चलते हैं और अभी उनके निर्माण या विकास के लिए कोई मानक तय नहीं किए गए हैं।
दुनिया के कई हिस्सों में वैज्ञानिकों व शोधार्थियों के दल मिलकर इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स के लिए मानकों के निर्धारण पर काम कर रहे हैं। लेकिन इन मानकों का ध्यान रखते समय हमें यह भी देखना होगा कि कुछ प्रकार के उपकरण, कुछ खास प्रकार के कामों के लिए कभी न बनाए जाएँ। जैसे कोई स्मार्ट उपकरण किसी 3-डी प्रिंटर को कभी बंदूक बनाने का आदेश न दे सके इसके लिए आवश्यक है कि वह कभी 3-डी प्रिंटर के साथ बात ही न कर सके और यह हमारे मानकों के स्तर पर नियत किया जाए।
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